Climate Shift Index:जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ गया उत्तर प्रदेश में लू का खतरा, जानलेवा तपिश की आशंका दोगुनी

Climate change has increased the danger of heat wave in Uttar Pradesh

गर्मी और लू का कहर
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हाल में जानलेवा तपिश की वजह से कुछ लोगों के मरने की खबरें आई थीं। अब, एक ताजा विश्लेषण की मानें तो राज्य में लू चलना सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन से जुड़ा है। दरअसल, क्लाइमेट शिफ्ट इंडेक्स (सीएसआई) के मानकों के आधार पर किए गए इस विश्लेषण में पाया गया है कि यूपी में जानलेवा तपिश की आशंका दोगुनी तक बढ़ गई है।

अमेरिकी वैज्ञानिकों और संवादकर्ताओं के एक स्वतंत्र समूह क्लाइमेट सेंट्रल ने रोजाना के तापमान में जलवायु परिवर्तन के असर को आकने को लिए ही सीएसआई की ईजाद की थी। इस इंडेक्स से पता चलता कि किसी जगह के रिकॉर्ड औसत तापमान की तुलना में कितनी बार और कितना अधिक परिवर्तन आया। 1 से 5 के मानक पर केंद्रित इंडेक्स में आंकड़ा जितना ज्यादा होगी, तपिश बढ़ने की संभावना को उतना ही ज्यादा आंका जाता है। 

कैसे किया गया आकलन

  • अगर सीएसआई का स्तर 1 अंक से ज्यादा है तो यह जलवायु परिवर्तन का संकेत देता है। आंकड़ा दो से पांच के बीच होने का मतलब है कि जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान बढ़ने की संभावना दो से पांच गुना अधिक बढ़ गई है
  • विश्लेषण में पाया गया कि यूपी के कुछ हिस्सों में सीएसआई स्तर तीन तक पहुंच गया है, जो जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान बढ़ने की संभावना को कम से कम तीन गुना बढ़ाता है
  • क्लाइमेट सेंट्रल के शोधकर्ताओं के मुताबिक, नए विश्लेषण से पता चलता है कि 14 से 16 जून के बीच तीन दिनों में यूपी में मानवजनित जलवायु परिवर्तन के कारण भीषण तपिश की संभावना कम से कम दो गुना अधिक रही

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Author: india9news

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